Kavita

नया तरीका // नागार्जुन

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दो हज़ार मन गेहूँ आया दस गाँवों के नामराधे चक्कर लगा काटने, सुबह हो गई शाम सौदा पटा बड़ी मुश्किल से, पिघले नेतारामपूजा पाकर साध गये चुप्पी हाकिम-हुक्काम भारत-सेवक जी […]

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मेरे स्वप्न तुम्हारे पास सहारा पाने आयेंगे // दुष्यंत कुमार

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मेरे स्वप्न तुम्हारे पास सहारा पाने आएँगेइस बूढ़े पीपल की छाया में सुस्ताने आएँगे हौले-हौले पाँव हिलाओ जल सोया है छेड़ो मतहम सब अपने-अपने दीपक यहीं सिराने आएँगे थोड़ी आँच […]

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पुलिस अफ़सर // नागार्जुन

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जिनके बूटों से कीलित है, भारत माँ की छातीजिनके दीपों में जलती है, तरुण आँत की बाती ताज़ा मुंडों से करते हैं, जो पिशाच का पूजनहै अस जिनके कानों को, […]

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सत्य // नागार्जुन

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सत्य को लकवा मार गया हैवह लंबे काठ की तरहपड़ा रहता है सारा दिन, सारी रातवह फटी–फटी आँखों सेटुकुर–टुकुर ताकता रहता है सारा दिन, सारी रातकोई भी सामने से आए–जाएसत्य […]

Kavita / Poem

गाय और अम्मा // शिवम तोमर

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जिस गाय को अम्माखिलाती रहीं रोटियाँऔर उसका माथा छू करमाँगती रहीं स्वर्ग में जगह अब घर के सामने आ कररंभियाती रहती हैअम्मा ने तो खटिया पकड़ ली है अब गाय […]

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पाँच पूत भारतमाता के // बाबा नागार्जुन

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पाँच पूत भारतमाता के, दुश्मन था खूंखारगोली खाकर एक मर गया, बाकी रह गये चार चार पूत भारतमाता के, चारों चतुर-प्रवीनदेश-निकाला मिला एक को, बाकी रह गये तीन तीन पूत […]