Kavita / Poem

गाय और अम्मा // शिवम तोमर

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जिस गाय को अम्माखिलाती रहीं रोटियाँऔर उसका माथा छू करमाँगती रहीं स्वर्ग में जगह अब घर के सामने आ कररंभियाती रहती हैअम्मा ने तो खटिया पकड़ ली है अब गाय […]

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रावण अमर है। // वीरेंदर भाटिया

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रावण नेअंतिम समयश्री राम से कहामैं देह नहीवृति हूंलालसा हूँलालच हूँहवस हूँमैंने अमर होने का वचन लिया थाअमर हूँदेह को मारतुम रावण के मर जाने की कल्पना मत करनाराम के […]

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राजनीति की ग़ज़ब ढलानें

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नंगा राजा टहल रहा हैबच्चे का दिल दहल रहा है झूठ चीखता है चैनल परसच बच बच के निकल रहा है राजनीति की ग़ज़ब ढलानेंजिसको देखो फिसल रहा है जात-धरम […]