गाय और अम्मा // शिवम तोमर

जिस गाय को अम्मा
खिलाती रहीं रोटियाँ
और उसका माथा छू कर
माँगती रहीं स्वर्ग में जगह

अब घर के सामने आ कर
रंभियाती रहती है
अम्मा ने तो खटिया पकड़ ली है

अब गाय को ऊपर से ही
डाल देती हैं रोटी
बहुएँ

रोटी तीसरे माले से फेंकी जाती हैं
फट्ट की आवाज़ से सड़क पर गिरती हैं

गैया ऊपर देखती है
तो कोई नहीं दिखता
गैया को लगता है
अम्मा स्वर्ग को चली गयीं
और अम्मा ही फेंक रही हैं रोटियाँ स्वर्ग से