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अंत महज एक मुहावरा है / केदारनाथ सिंह

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अंत में मित्रों,इतना ही कहूंगाकि अंत महज एक मुहावरा हैजिसे शब्द हमेशाअपने विस्फोट से उड़ा देते हैंऔर बचा रहता है हर बारवही एक कच्चा-साआदिम मिट्टी जैसा ताजा आरंभजहां से हर […]

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एक दिन आएगा / पंकज चतुर्वेदी

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एक दिन आएगाजब राष्ट्रपति वही कहेंगेजो प्रधानमंत्री कहेंगेवही उपराष्ट्रपति कहेंगे वही मुख्यमंत्री, मंत्री,सांसद, विधायकऔर जो भी अन्यअधिकारी सम्भव हैं—कहेंगे सत्ता का एक केन्द्र होगाजिसके पास भाषण कीमूल प्रति होगीबाक़ी सब […]

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नए-नए मंत्री ने / शैल चतुर्वेदी

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नए-नए मंत्री नेअपने ड्राइवर से कहा-“आज कार हम चलाएँगे।”ड्राइवर बोला –‘हम उतर जाएँगेहुज़ूर,चलाकर तो देखिएआपकी आत्मा हिल जाएगीयह कार है, सरकार नहीं जोभगवान के भरोसे चल जाएगी।’