Culture / Kavita

कविवर // सुरजीत पातर

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मैं पहली पंक्ति लि‍खता हूँऔर डर जाता हूँ राजा के सिपाहियों सेपंक्ति को काट देता हूँ मैं दूसरी पंक्ति लिखता हूँऔर डर जाता हूँ गुरिल्‍ला बाग़ियों सेपंक्ति को काट देता […]